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ग्राम प्रधान अपनी ग्राम सभाओं में पराली न जलाने के लिए लोगो को करें जागरूक - जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी


प्रयागराज : जिलाधिकारी श्री भानु चन्द्र गोस्वामी ने ग्राम प्रधानों से कहा है कि वर्तमान खरीफ सत्र में बोई गयी धान/गन्ना फसलों की कटाई से पूर्व ही यह सुनिश्चित कर ले कि आपके ग्राम पंचायत के विभिन्न राजस्व ग्रामों में इन फसलों के फसल अवशेष न जलाये जाये। जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधानों से कहा है कि वे अपनी ग्राम पंचायत के सभी राजस्व ग्रामों में ग्राम पंचायत सदस्यों की साधारण बैठक 30 सितम्बर, 2020 तक अनिवार्य रूप से कर ले। बैठक में ग्राम पंचायत के जन-साधारण को फसल अवशेष न जलाये जाने हेतु जागरूक करे तथा अवशेष जलाये जाने से भूमि पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की जानकारी भी लोगो को दें। लोगो को यह भी अवगत कराये कि यदि उनके द्वारा इस तरह का आपराधिक कृत्य किया जाता है तो सम्बन्धित के विरूद्ध क्षतिपूर्ति की वसूली, कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया जायेगा। उन्होंने कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक (ग्रुप-सी), आत्मा योजनान्तर्गत संविदा पर कार्यरत बी.टी.एम., ए.टी.एम., गन्ना विभाग के गन्ना पर्यवेक्षक, राजस्व विभाग के लेखपाल व पंचायती राज के ग्राम पंचायत अधिकारी को आमंत्रित किये जाने के लिए कहा है। सभी ग्राम स्तरीय लोक सेवक बैठक में उपस्थित ग्राम सभा के सभी सदस्यों को पराली जलाये जाने से होने वाले प्रदूषण, भूमि पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की जानकारी दे। उन्होंने ग्राम पंचायत के इसी स्थल पर फसल अवशेष जलाये जाने के अपराध में सम्बन्धित व्यक्ति के विरूद्ध क्षतिपूर्ति की वसूली, कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने के प्रावधानों का विवरण पंचायत कर व्यय से दीवार पर पेन्ट कराने के लिए कहा है, जिससे कि ग्राम पंचायत के सभी सदस्य विधिक प्रावधानों से अवगत हो सके।


मा. राष्ट्रीय हरित न्याधिकरण की धारा- 24 एवं 26 के अन्तर्गत खेत में फसल अवशेष जलाया जाना एक दण्डनीय अपराध है, पर्यावरण क्षतिपूर्ति हेतु दण्ड के प्रावधान के अनुसार 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 रू प्रति घटना, 02 एकड़ से 05 एकड़ क्षेत्र के लिए 5000 रू प्रति घटना, 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15000 रू प्रति घटना अपराध की पुनरावृत्ति करने पर कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया जायेगा। जिलाधिकारी ने यह भी कहा है कि इसके बावजूद यदि ग्राम पंचायत के किसी व्यक्ति के द्वारा फसल अवशेष जलाये जाने की घटना को घटित किया जाता है तो ग्राम प्रधान का उत्तरदायित्व होगा कि आप सम्बन्धित लेखपाल को सम्बन्धित व्यक्ति के विरूद्ध लिखित में अवगत करायेगें। राजस्व लेखपाल का दायित्व होगा कि वह सम्बन्धित थाने में अपराध करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध प्राथमिकी अंकित कराये तथा क्षतिपूर्ति की वसूली हेतु अपने स्तर से सम्बन्धित तहसीलदार/उप जिलाधिकारी को लिखित में सूचित करेंगें। फसल अवशेष जलाये जाने की घटना घटित होने पर यदि ग्राम प्रधान द्वारा घटना को छिपाया जाता है अथवा उच्चाधिकारियों को अवगत कराये जाने में शिथिलता अपनायी जाती है तो यह अवधारित किया जायेगा कि फसल अवशेष जलाये जाने की घटना का अपराध करने वाले व्यक्ति के साथ सम्बन्धित ग्राम प्रधान की दुरभि-सन्धि व संलिप्तता है, तदोपरान्त बाध्य होकर सम्बन्धित ग्राम प्रधान का भी उत्तरदायित्व निर्धारित कर अपराध में सह-अभियुक्त बनाते हुए दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि जन प्रतिनिधि होने के फलस्वरूप उपरोक्त आपराधिक कृत्य को रोकने हेतु मा. राष्ट्रीय हरित न्याधिकरण द्वारा निर्धारित की गयी प्रकिया में ग्राम प्रधानगण आवश्यक सहयोग प्रदान करेें।


 


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