बीजिंग : सेचीन अब एक देश बनता जा रहा है, जोकि उसको वायरस का जन्मदाता कहे तो कोई अतिशोक्ति नहीं होंगी, जहाँ यही विश्व समुदाय कोरोना काल से ग्रस्ति है वही एक नये वायरस ब्रुसलोसिस के ने आहट ने खलबली मचा दी है।
* ब्रुसलेसिस कैसे फैला
गांसू प्रोविंशियल सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ब्रूसेलोसिस (Brucellosis) बीमारी की सूचना देते हुए बताया था कि यह बीमारी बैक्टिरिया से होने वाली बीमारियों में से एक है. रिपोर्ट के अनुसार 24 जुलाई 2019 से 20 अगस्त 2019 के बीच झोन्गमू लॉन्झोउ बायोलॉजिकल फार्मास्यूटिकल फैक्ट्री द्वारा ब्रूसेला वैक्सीन बनाया जा रहा था. इस दौरान उन्होंने एक्सपायर्ड डिसइंफेक्टेंट का प्रयोग किया. इस वैक्सीन का उपयोग जानवरों जैसे भेड़-बकरियों के ईलाज के लिए होता हैं। लेकिन, कारखाने में रखे फर्मेंटेशन टैंक से बेकार डिसइंफेक्टेंट गैस का रिसाव होने लगा. जिसके बाद टैंक को साफ करके उसमे से तरल पदार्थ बाहर निकाला गया। तरल पदार्थ के बाहर आने पर एक प्रकार का बैक्टीरिया उस टैंक में पाया गया, यही हवा में गैस के जरिये फैल रहा था. जो आज ब्रूसेलोसिस (Brucellosis) बीमारी का कारण बन बैठा है।
* रोग संक्रमण के लक्ष्ण
ब्रुसेलोसिस के मरीज़ो मे ये लक्ष्ण देखे गए है जिसमे ज्यादातर सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, बुखार और वजन कम होना शामिल है। कुछ मामलों में, लोगों को पेट दर्द और खांसी का जोर से होना। आमतौर पर, इस बीमारी का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से हो रहा है।
लान्चो के स्वास्थ्य आयोग ने पुष्टि की है कि 3,245 लोगों ने बैक्टीरियल बीमारी ब्रुसेलोसिस का लक्ष्ण दिखे है।
चीन की मीडिया ग्लोबल टाइम्स में छपी रिपोर्ट की मानें तो ब्रूसेलोसिस बीमारी पर निगरानी रखने का काम लान्झोउ वेटरीनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने 11 पब्लिक मेडिकल शैक्षणिक संस्थानों और अस्पतालों को सौंपा है। इन अस्पतालों में इस बिमारी से पीड़ित मरीजों का मुफ्त ईलाज किया जा रहा है. यही नहीं कोरोना की तरह इससे बचने के उपाय भी बताए जा रहे है और लक्षणों के बारे में भी समझाया जा रहा है।
* भारी जुर्माना एवं सख्त सजा
कंपनी का लाइसेंस रद्द, जुर्माना भी, जिसके बाद 13 जनवरी 2020 को लॉन्झोउ बायोलॉजिकल फार्मास्यूटिकल फैक्ट्री का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. कंपनी वैक्सीन तो नहीं बना पा रही साथ ही साथ वहां के आठ लोगों को चीनी सरकार द्वारा जान जोखिम में डालने के लिए सख्त सजा भी दी है।
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